Our Aims & Objective
1. प्राचीन जैन धरोहरों - तीर्थक्षेत्रों, स्थापत्यों, स्थापत्यों के अवशेषों, मूर्तियों एवं कला निधियों का समस्त भारतवर्ष में सर्वेक्षण, संरक्षण, जीर्णोद्धार एवं संवर्धन।2. उक्त उद्देश्य की पूर्ति हेतु भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण एवं राज्यों के पुरातत्व विभागों द्वारा जैन पुरातन स्थापत्य का सर्वेक्षण, उत्खनन, जीर्णोद्धार, संवर्धन की प्रेरणा एवं सहयोग देना।
3. असुरक्षित बिखरे पड़े जैन पुरातत्व वैभव के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए 'साईट म्यूजियमों' की स्थापना।
4. जैन पुरातत्व के जीर्णोद्धार के लिए समाज में जन चेतना पैदा करना और तन- मन - धन से सहयोग लेना।
5. प्राचीन जैन धरोहर पर शोध एवं जन चेतना हेतु तीर्थ संरक्षिणी महासभा की वेबसाइट का निर्माण एवं शोध पुस्तकों, पत्रिकाओं का प्रकाशन।
6. तदर्थ अर्थ संग्रह - इस पुनीत कार्य में २५ लाख रुपये के परम संरक्षकत्व सेठी ट्रस्ट - सर्वश्री निर्मल कुमार - हुलास चन्द - महावीर प्रसाद - दिनेश कुमार सेठी (गुवाहाटी), सर्वश्री रतनलाल- कंवरीलाल - अशोक कुमार - सुरेश कुमार - विमल कुमार पाटनी (मदनगढ - किशनगढ , राजस्थान), सर्वश्री निरंजनलाल- रतनलाल- मदनलाल-पन्नालाल- हीरालाल बैनाड (आगरा), सर्वश्री मदनलाल- सुरेश कुमार - हुलास चंद- जयंत कुमार - नवीन कुमार बज (कोलकाता) एवं श्री महेन्द्र कुमार - सरिता जैन (चेन्नई), ने ग्रहण कर इसी महती कार्य की आधारशिला रखी। तत्पश्चात् समाज के दानवीरों एवं हर वर्ग का अर्थ सहयोग प्राचीन तीर्थ जीर्णोद्धार में मिला। समाज के परिवारों से सुरक्षा निधि (गुल्लक योजना) में देशव्यापी स्तर पर इस महायज्ञ में सहयोग प्राप्त हो रहा है।
7. भ. महावीर २६००वाँ जन्म कल्याणक महोत्सव वर्ष के दौरान प्राचीन तीथोरं के लिये भारत सरकार से अनुदान प्राप्ति हेतु विशेष प्रयास (प्रयासों से भारत सरकार से दिग. जैन समाज को तीर्थों के विकास हेतु ५६ करोड़ मिले एवं ए एस आई द्वारा जैन तीर्थों पर २० करोड रुपये व्यय किये गये)।